Vijay Goel

सुषमा जी के साथ विजय गोयल की कुछ यादें

पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद विजय गोयल मानते हैं कि सुषमा स्वराज जी से उनको राजनीति में बहुत कुछ सीखने को मिला। अपने खट्ठे -मीठे अनुभवों का जिक्र करते हुए गोयल कहते हैं कि दो महीने पहले ही उन्होंने अपनी बेटी का जन्मदिन हमारी हवेली पर परिवार के साथ मनाया था। जो यह दिखाता है कि वे कितना अपनापन और मान-सम्मान देती थी। 

मेरा सुषमा जी से तभी से संबंध हैं, जब 1980 में वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ी। 1996 में वे दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ी और मैं सदर से चुनाव लड़कर जीता था। उस समय भी हमने साथ-साथ दिल्ली के लिए अनेक मुद्दों पर साझा पहल की।
उसके बाद हम दोनों ही अटल बिहारी वाजपेयी जी के मंत्रिमंडल में थे। मैं प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री था और वे सूचना एवं प्रसारण विभाग में मंत्री थी। सुषमा जी लगातार दिल्ली की राजनीति में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सक्रिय रहीं। उनके भाषण सुनने में भी आनंद था उनके भाषणों में लय और सारगर्भिता थी और पूरा देष उनके भाषणों को तन्मयता से सुनता था।  
वाजपेयी जी के शासन में हमने एक साथ संसदीय कार्य मंत्रालय में भी काम किया। 
मुम्बई में अमिताभ बच्चन के साथ उन्होंने एक कार्यक्रम में पूरा भाषण संस्कृत में दिया। यह भाषण सुनकर सभी लोग दंग रह गए। 
पार्टी में हम दोनों समय-समय पर केन्द्रीय पदाधिकारी बने और उनके साथ मुझे काम करने का सौभाग्य मिला। वे कुशल वक्ता, अच्छी सांसद और पार्टी में जिम्मेदारी को बड़ी गंभीरता से निभाती थी। एक बार फिर हमें मोदी जी की सरकार में एक ही मंत्रिमंडल में काम करने का मौका मिला। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने ख्याति प्राप्त की। वे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की समस्याओं को हल करती थी चाहे वे विदेशों में ही बसे हों। वह 90,000 से अधिक लोगों को विदेश से सुरक्षित निकाल कर भारत ले आयी थीं।  
  
जब मैं दिल्ली प्रदेष का अध्यक्ष था, तब वे हमारे कार्यक्रमों और रैली में आती थी। कुछ बातों में जब असहमति होती थी, तो उसको भी वे बड़े तरीके से बताती थीं। 
उनका स्वास्थ्य जो है वो गड़बड़ रहा, पर उन्होंने उसका अच्छे से मुकाबला किया और अपने कार्य में शिथिलता नहीं आने दी। अक्सर वो भाजपा के मुद्दे, धारा 370, राम मंदिर, काॅमन सिविल कोड, इन पर प्रखर रूप से अपने विचार रखती थी और जाने से पहले उन्हें इस बात की ख़ुशी थी कि उन्होंने अपने सामने कश्मीर से धारा 370 को हटते हुए देखा।

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My visions for Delhi stems from these inspiring words of Swami Vivekanada. I sincerely believe that Delhi has enough number of brave, bold men and women who can make it not only one of the best cities.

My vision for Delhi is that it should be a city of opportunities where people

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